शेरपा ट्रैक के माध्यम से, प्राथमिकताओं पर चर्चा करने और सिफारिशें प्रदान करने के लिए भारत की अध्यक्षता में निम्नलिखित 13 कार्य समूहों, 5 पहलों और 1 सम्मेलनों की बैठक हुई।


कार्यसमूह


G20 की निर्णय लेने की प्रक्रिया के भाग के रूप में, कार्यकारी समूहों में विशेषज्ञ और संबंधित मंत्रालय शामिल होते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक अनेक मुद्दों के गहन विश्लेषण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

कृषि

G20 कृषि प्रतिनिधि समूह वैश्विक खाद्य मूल्‍यों में अस्थिरता से निपटने के लिए 2011 में फ्रांस की अध्यक्षता के दौरान बनाया गया था। तब से यह G20 सदस्यों के बीच कृषि संबंधी मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक आवश्यक मंच बन गया है, जो संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा, विशेष रूप से ज़ीरो हंगर (एसडीजी 2) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह कार्य समूह खाद्य सुरक्षा, पोषण, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर), खाद्य अपशिष्ट एवं हानि, धारणीयता और मजबूत एवं समावेशी खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं जैसे अनेक वैश्विक मुद्दों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग को सुविधाजनक बनाता है।

भ्रष्टाचार-रोध

G20 भ्रष्टाचार-रोध कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की स्थापना 2010 में की गई थी। भ्रष्टाचार-रोध कार्य समूह भ्रष्टाचार-रोध के संबंध में G20 नेताओं को रिपोर्ट करता है तथा इसका इसका लक्ष्य भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए G20 देशों की विधिक प्रणालियों के बीच न्यूनतम साझा मानक स्थापित करना है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सत्‍यनिष्‍ठा और पारदर्शिता, रिश्वतखोरी, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, संपत्ति की वसूली, लाभकारी स्वामित्व संबंधी पारदर्शिता, असुरक्षित क्षेत्रों और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।

संस्कृति

G20 के संस्कृति मंत्रियों ने पहली बार 2020 में मुलाकात की तथा G20 के एजेंडा को आगे बढ़ाने में संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय योगदान पर प्रकाश डाला। संस्कृति और अन्य नीतिगत क्षेत्रों के बीच संबंधों को स्वीकार करते हुए तथा विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण संबंधी आयामों पर संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक अर्थव्यवस्था के प्रभाव पर विचार करते हुए, 2021 में संस्कृति को संस्कृति संबंधी कार्य समूह के रूप में G20के एजेंडा में स्थायी रूप से एकीकृत किया गया था। इस समूह का लक्ष्य सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों को सहयोग प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं मेलजोल को सुदृढ़ करना है।

कार्यकारी समूह ने समावेशी सतत सामाजिक-आर्थिक सुधार और विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक इंजन के रूप में संस्कृति को मजबूती से स्थापित करने के लिए साझा विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से भारत द्वारा निर्धारित चार प्राथमिकताओं का उपयोग करने के लिए मार्च और अप्रैल 2023 के बीच चार वैश्विक विषयगत वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन किया। इनका आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसकी मेजबानी और सुविधा यूनेस्को द्वारा ज्ञान भागीदार के रूप में की गई थी।

डिजिटल अर्थव्यवस्था

2021 में स्थापित डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह, अर्थव्यवस्थाओं की डिजिटल क्षमता का उपयोग करने के लिए नीति-निर्माताओं को प्रेरणा और व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस कार्य समूह का उद्देश्य सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ाने तथा समावेशी सामाजिक एवं आर्थिक विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डिजिटल रूपांतरण को मूर्त रूप देना है।

आपदा जोखिम कम करना

आपदा जोखिम कम करने संबंधी कार्य-समूह को इंडोनेशिया की अध्यक्षता सहित पूर्ववर्ती G20 अध्यक्षताओं के दौरान आपदा जोखिम कम करने के संबंध में आयोजित पहले की चर्चाओं के आधार पर निर्मित किया जाएगा, और यह आपदा जोखिम कम करने के प्रयासों के संबंध में तात्कालिकता की एक नई भावना उत्पन्न करेगा। यह अन्य G20 कार्य समूहों के साथ मिलकर काम करेगा, जिसमें जलवायु स्थिरता, अवसंरचना और विकास कार्य समूह शामिल होंगे। G20 राष्ट्रों के पास कई संस्थानों और विषयों से संबंधित तकनीकी साधन हैं, जिन्हें 2030 तक G20 राष्ट्रों और विश्व स्तर पर आपदा संबंधी हानि को काफी हद तक कम करने के लिए साथ में उपयोग किया जा सकता है।

विकास

विकास कार्य समूह (डीडब्ल्यूजी) 2010 में अपनी स्थापना के बाद से ही G20 'विकास एजेंडा'के संरक्षक के रूप में कार्य कर रहा है। 2015 में सतत विकास और उसके लक्ष्यों के लिए 2030 एजेंडा को अंगीकृत करने के पश्चात, डीडब्ल्यूजी ने शेरपाओं को G20 सतत विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने तथा अन्य पक्षकारों के साथ काम करने, दोनों के लिए सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ताकि 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के प्रयासों के साथ G20 कार्यों के सतत विकास अंतर्संबंधों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

शिक्षा

शिक्षा कार्य समूह (ईडीडब्ल्यूजी) की स्थापना 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता के दौरान की गई थी। ईडीडब्ल्यूजी तकनीकी उपकरणों, डिजिटलीकरण, सार्वभौमिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, वित्त पोषण, शिक्षा हेतु सहभागिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शिक्षण संबंधी परिणामों और समान पहुंच को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करता है। ईडीडब्ल्यूजी कौशल विकास और स्कूल-टू-वर्क ट्रांजिशन जैसे अंतर्संबद्ध मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए रोज़गार और अन्य कार्य समूहों के साथ भी सहयोग करता है।

रोजगार

रोजगार कार्य समूह (एडडब्ल्यूजी) की शुरुआत G20 के रोज़गार संबंधी कार्य-दल के रूप में हुई - जिसे 2011 में फ्रांस की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था - तथा 2014 में ऑस्ट्रेलिया की अध्यक्षता में लीडर्स डिक्लेरेशन के बाद इसके दर्जे को बढ़ाकर कार्य समूह स्तर का कर दिया गया। ईडब्ल्यूजी की पहली बैठक2015 में तुर्की की अध्यक्षता में हुई थी। ईडब्ल्यूजी मजबूत, स्थायी, संतुलित, समावेशी और नौकरी-समृद्ध विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए श्रम, रोज़गार और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करता है।

पर्यावरण और जलवायु स्थिरता

जलवायु स्थिरता कार्य समूह (सीएसडब्ल्यूजी) की स्थापना 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता में की गई थी, जबकि पर्यावरण प्रतिनिधियों की बैठक (ईडीएम) जापान की अध्यक्षता में 2019 में शुरू हुई थी। ईडीएम और सीएसडब्ल्यूजी पर्यावरण और जलवायु संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ संसाधन दक्षता, सर्कुलर इकॉनोमी, समुद्री स्थिति, समुद्री अपशिष्ट, प्रवाल भित्तियां, भू-क्षरण, जैव विविधता हानि, जल संसाधन प्रबंधन, तथा जलवायु परिवर्तन को कम करने और अनुकूल बनाने के तरीके शामिल हैं।

ऊर्जा संक्रमण

2009 से G20 में धारणीय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में ऊर्जा पर चर्चा की गई है। ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2013 में एक समर्पित ऊर्जा स्थिरता कार्य समूह की स्थापना की गई। 2017 में, जलवायु स्थिरता कार्य समूह के भाग के रूप में ऊर्जा पर चर्चा की गई थी। 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता के दौरान, ऊर्जा संबंधी मुद्दों को जलवायु से अलग कर दिया गया और इन्हें ऊर्जा संक्रमण कार्य समूह के तहत ऊर्जा संक्रमण संबंधी चर्चाओं की ओर मोड़ दिया गया।यह कार्य समूह ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण पर विचार-विमर्श करता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य संबंधी कार्य समूह की स्थापना 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता के दौरान संवाद को आगे बढ़ाने तथा महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के विषय में G20 नेताओं को सूचित करने के लिए की गई थी। यह समूह वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समान स्वास्थ्य प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध स्थायी कल्याणकारी समाज बनाने की दिशा में कार्यरत है। यहाँ स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी, वन हैल्थ दृष्टिकोण, डिजिटल स्वास्थ्य, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों का अनुपालन, सतत वित्त पोषण आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

व्यापार और निवेश

व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) की स्थापना 2016 में हुई थी। यह कई विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है जिसमें G20 व्यापार और निवेश तंत्र को मजबूत करना, वैश्विक व्यापार विकास को बढ़ावा देना, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सहयोग देना, वैश्विक निवेश नीति सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना तथा समावेशी और समन्वित वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

पर्यटन

2020 में अपनी स्थापना के बाद से, पर्यटन कार्य समूह सदस्य देशों और संबंधित हितधारकों को एक साथ लेकर लाया है ताकि स्थानीय और वैश्विक पर्यटन को और अधिक विकसित करने के लिए चर्चा, विचार-विमर्श किया जा सके और आगे की कार्रवाई हेतु दिशा निर्देश दिए जा सकें और साथ ही कोविड-19 महामारी सहित इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली आम चुनौतियों को कम किया जा सके। वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और एजेंडा 2030 को प्राप्त करने की दिशा में इसकी प्रगति को देखते हुए, हाल के दिनों में पर्यटन को अधिक धारणीय बनाना और इसकी सामर्थ्य को बढ़ावा देना इस कार्य समूह का प्राथमिक विषय रहा है।

G20 कृषि प्रतिनिधि समूह वैश्विक खाद्य मूल्‍यों में अस्थिरता से निपटने के लिए 2011 में फ्रांस की अध्यक्षता के दौरान बनाया गया था। तब से यह G20 सदस्यों के बीच कृषि संबंधी मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक आवश्यक मंच बन गया है, जो संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा, विशेष रूप से ज़ीरो हंगर (एसडीजी 2) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह कार्य समूह खाद्य सुरक्षा, पोषण, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर), खाद्य अपशिष्ट एवं हानि, धारणीयता और मजबूत एवं समावेशी खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं जैसे अनेक वैश्विक मुद्दों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग को सुविधाजनक बनाता है।

G20 भ्रष्टाचार-रोध कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की स्थापना 2010 में की गई थी। भ्रष्टाचार-रोध कार्य समूह भ्रष्टाचार-रोध के संबंध में G20 नेताओं को रिपोर्ट करता है तथा इसका इसका लक्ष्य भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए G20 देशों की विधिक प्रणालियों के बीच न्यूनतम साझा मानक स्थापित करना है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सत्‍यनिष्‍ठा और पारदर्शिता, रिश्वतखोरी, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, संपत्ति की वसूली, लाभकारी स्वामित्व संबंधी पारदर्शिता, असुरक्षित क्षेत्रों और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।

G20 के संस्कृति मंत्रियों ने पहली बार 2020 में मुलाकात की तथा G20 के एजेंडा को आगे बढ़ाने में संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय योगदान पर प्रकाश डाला। संस्कृति और अन्य नीतिगत क्षेत्रों के बीच संबंधों को स्वीकार करते हुए तथा विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण संबंधी आयामों पर संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक अर्थव्यवस्था के प्रभाव पर विचार करते हुए, 2021 में संस्कृति को संस्कृति संबंधी कार्य समूह के रूप में G20के एजेंडा में स्थायी रूप से एकीकृत किया गया था। इस समूह का लक्ष्य सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों को सहयोग प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं मेलजोल को सुदृढ़ करना है।

कार्यकारी समूह ने समावेशी सतत सामाजिक-आर्थिक सुधार और विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक इंजन के रूप में संस्कृति को मजबूती से स्थापित करने के लिए साझा विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से भारत द्वारा निर्धारित चार प्राथमिकताओं का उपयोग करने के लिए मार्च और अप्रैल 2023 के बीच चार वैश्विक विषयगत वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन किया। इनका आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसकी मेजबानी और सुविधा यूनेस्को द्वारा ज्ञान भागीदार के रूप में की गई थी।

2021 में स्थापित डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह, अर्थव्यवस्थाओं की डिजिटल क्षमता का उपयोग करने के लिए नीति-निर्माताओं को प्रेरणा और व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस कार्य समूह का उद्देश्य सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ाने तथा समावेशी सामाजिक एवं आर्थिक विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डिजिटल रूपांतरण को मूर्त रूप देना है।

आपदा जोखिम कम करने संबंधी कार्य-समूह को इंडोनेशिया की अध्यक्षता सहित पूर्ववर्ती G20 अध्यक्षताओं के दौरान आपदा जोखिम कम करने के संबंध में आयोजित पहले की चर्चाओं के आधार पर निर्मित किया जाएगा, और यह आपदा जोखिम कम करने के प्रयासों के संबंध में तात्कालिकता की एक नई भावना उत्पन्न करेगा। यह अन्य G20 कार्य समूहों के साथ मिलकर काम करेगा, जिसमें जलवायु स्थिरता, अवसंरचना और विकास कार्य समूह शामिल होंगे। G20 राष्ट्रों के पास कई संस्थानों और विषयों से संबंधित तकनीकी साधन हैं, जिन्हें 2030 तक G20 राष्ट्रों और विश्व स्तर पर आपदा संबंधी हानि को काफी हद तक कम करने के लिए साथ में उपयोग किया जा सकता है।

विकास कार्य समूह (डीडब्ल्यूजी) 2010 में अपनी स्थापना के बाद से ही G20 'विकास एजेंडा'के संरक्षक के रूप में कार्य कर रहा है। 2015 में सतत विकास और उसके लक्ष्यों के लिए 2030 एजेंडा को अंगीकृत करने के पश्चात, डीडब्ल्यूजी ने शेरपाओं को G20 सतत विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने तथा अन्य पक्षकारों के साथ काम करने, दोनों के लिए सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ताकि 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के प्रयासों के साथ G20 कार्यों के सतत विकास अंतर्संबंधों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

शिक्षा कार्य समूह (ईडीडब्ल्यूजी) की स्थापना 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता के दौरान की गई थी। ईडीडब्ल्यूजी तकनीकी उपकरणों, डिजिटलीकरण, सार्वभौमिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, वित्त पोषण, शिक्षा हेतु सहभागिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शिक्षण संबंधी परिणामों और समान पहुंच को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करता है। ईडीडब्ल्यूजी कौशल विकास और स्कूल-टू-वर्क ट्रांजिशन जैसे अंतर्संबद्ध मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए रोज़गार और अन्य कार्य समूहों के साथ भी सहयोग करता है।

रोजगार कार्य समूह (एडडब्ल्यूजी) की शुरुआत G20 के रोज़गार संबंधी कार्य-दल के रूप में हुई - जिसे 2011 में फ्रांस की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था - तथा 2014 में ऑस्ट्रेलिया की अध्यक्षता में लीडर्स डिक्लेरेशन के बाद इसके दर्जे को बढ़ाकर कार्य समूह स्तर का कर दिया गया। ईडब्ल्यूजी की पहली बैठक2015 में तुर्की की अध्यक्षता में हुई थी। ईडब्ल्यूजी मजबूत, स्थायी, संतुलित, समावेशी और नौकरी-समृद्ध विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए श्रम, रोज़गार और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करता है।

जलवायु स्थिरता कार्य समूह (सीएसडब्ल्यूजी) की स्थापना 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता में की गई थी, जबकि पर्यावरण प्रतिनिधियों की बैठक (ईडीएम) जापान की अध्यक्षता में 2019 में शुरू हुई थी। ईडीएम और सीएसडब्ल्यूजी पर्यावरण और जलवायु संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ संसाधन दक्षता, सर्कुलर इकॉनोमी, समुद्री स्थिति, समुद्री अपशिष्ट, प्रवाल भित्तियां, भू-क्षरण, जैव विविधता हानि, जल संसाधन प्रबंधन, तथा जलवायु परिवर्तन को कम करने और अनुकूल बनाने के तरीके शामिल हैं।

2009 से G20 में धारणीय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में ऊर्जा पर चर्चा की गई है। ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2013 में एक समर्पित ऊर्जा स्थिरता कार्य समूह की स्थापना की गई। 2017 में, जलवायु स्थिरता कार्य समूह के भाग के रूप में ऊर्जा पर चर्चा की गई थी। 2018 में अर्जेंटीना की अध्यक्षता के दौरान, ऊर्जा संबंधी मुद्दों को जलवायु से अलग कर दिया गया और इन्हें ऊर्जा संक्रमण कार्य समूह के तहत ऊर्जा संक्रमण संबंधी चर्चाओं की ओर मोड़ दिया गया।यह कार्य समूह ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण पर विचार-विमर्श करता है।

स्वास्थ्य संबंधी कार्य समूह की स्थापना 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता के दौरान संवाद को आगे बढ़ाने तथा महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के विषय में G20 नेताओं को सूचित करने के लिए की गई थी। यह समूह वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समान स्वास्थ्य प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध स्थायी कल्याणकारी समाज बनाने की दिशा में कार्यरत है। यहाँ स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी, वन हैल्थ दृष्टिकोण, डिजिटल स्वास्थ्य, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों का अनुपालन, सतत वित्त पोषण आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) की स्थापना 2016 में हुई थी। यह कई विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है जिसमें G20 व्यापार और निवेश तंत्र को मजबूत करना, वैश्विक व्यापार विकास को बढ़ावा देना, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सहयोग देना, वैश्विक निवेश नीति सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना तथा समावेशी और समन्वित वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

2020 में अपनी स्थापना के बाद से, पर्यटन कार्य समूह सदस्य देशों और संबंधित हितधारकों को एक साथ लेकर लाया है ताकि स्थानीय और वैश्विक पर्यटन को और अधिक विकसित करने के लिए चर्चा, विचार-विमर्श किया जा सके और आगे की कार्रवाई हेतु दिशा निर्देश दिए जा सकें और साथ ही कोविड-19 महामारी सहित इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली आम चुनौतियों को कम किया जा सके। वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और एजेंडा 2030 को प्राप्त करने की दिशा में इसकी प्रगति को देखते हुए, हाल के दिनों में पर्यटन को अधिक धारणीय बनाना और इसकी सामर्थ्य को बढ़ावा देना इस कार्य समूह का प्राथमिक विषय रहा है।

पहल

सर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआई जी)

सर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) का उद्देश्य G20 सदस्य देशों के बीच अनुसंधान और नवाचार सहयोग को बढ़ाना, तीव्र और सुदृढ़ करना है। आरआईआईजी G20 सदस्य देशों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार विशेषज्ञों को एक साथ लाकर 2021 में इटली की अध्यक्षता के दौरान आयोजित अकादमिक फोरम के काम को आगे बढ़ा रहा है।

अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के नेताओं की बैठक (एस ई एल एम)

G20 के तहत एक मंच अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के नेताओं की बैठक, बाहरी अंतरिक्ष की स्थिरता सुनिश्चित करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में अंतरिक्ष गतिविधियों और साझेदारी के लगातार बढ़ते योगदान पर चर्चा को प्रोत्साहित करती है।

G20 सशक्तिकरण

महिला आर्थिक प्रतिनिधित्व के सशक्तिकरण और प्रगति हेतु G20 गठबंधन (G20 सशक्तिकरण) 2019 में G20 ओसाका शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य G20 देशों के कारोबारी नेताओं और सरकारों के बीच अपने विशिष्ट गठबंधन का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और सशक्तिकरण को तीव्र बनाना है।

G20 के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार राउंडटेबल सम्मेलन (सी एस ए आर)

G20-CSAR एक नई पहल है जिसे G20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान शुरू किया गया था। G20-CSAR वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक प्रभावी संस्थागत व्यवस्था/मंच बनाने के उद्देश्य से G20 राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों को एक साथ लाएगा, जो बाद में एक प्रभावी और सुसंगत वैश्विक विज्ञान सलाह तंत्र के रूप में विकसित हो सकता है। इसके अलावा, G20-CSAR का उद्देश्य वैश्विक एस एंड टी पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा सामना किए जाने वाले कुछ मुद्दों के समाधान के साथ आना है। भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान सीएसएआर के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में "एक स्वास्थ्य" और वैश्विक भलाई के लिए साझा वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे की सुविधा और उभरती और भविष्य की प्रौद्योगिकियों और विकसित मानकों में सहयोग शामिल है। G20-CSAR की पहली बैठक 28-30 मार्च 2023 तक उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित रामनगर में आयोजित की जाएगी।

 

कृषि मुख्य वैज्ञानिकों की बैठक (एमएसीएस)

"सभी को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से कृषि में बदलाव लाना, भोजन की बर्बादी और नुकसान को कम करना, किसानों तक डिजिटल और सटीक प्रौद्योगिकी और डेटा तक पहुंच को बढ़ावा देना, सीमा पार कीटों और बीमारियों से निपटना, कृषि अनुसंधान और नवाचारों में निवेश को प्रोत्साहित करना। जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में जैव विविधता और स्थानीय खाद्य प्रणालियों की रक्षा करते हुए कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला में विविधीकरण अनिवार्य रूप से आवश्यक है। चुनौतियाँ पहले से कहीं अधिक विकट हैं। ऐसी विकट चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभिनव और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इसलिए, 2011 में जी20 सदस्य देशों ने कृषि अनुसंधान और नवाचार रणनीतियों के साथ-साथ नए सहयोग प्रारूपों के तहत पहलों के कार्यान्वयन के माध्यम से लोगों और ग्रह को प्रभावित करने वाली कृषि में विविध वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने का निर्णय लिया।"

 

सर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) का उद्देश्य G20 सदस्य देशों के बीच अनुसंधान और नवाचार सहयोग को बढ़ाना, तीव्र और सुदृढ़ करना है। आरआईआईजी G20 सदस्य देशों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार विशेषज्ञों को एक साथ लाकर 2021 में इटली की अध्यक्षता के दौरान आयोजित अकादमिक फोरम के काम को आगे बढ़ा रहा है।

G20 के तहत एक मंच अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के नेताओं की बैठक, बाहरी अंतरिक्ष की स्थिरता सुनिश्चित करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में अंतरिक्ष गतिविधियों और साझेदारी के लगातार बढ़ते योगदान पर चर्चा को प्रोत्साहित करती है।

महिला आर्थिक प्रतिनिधित्व के सशक्तिकरण और प्रगति हेतु G20 गठबंधन (G20 सशक्तिकरण) 2019 में G20 ओसाका शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य G20 देशों के कारोबारी नेताओं और सरकारों के बीच अपने विशिष्ट गठबंधन का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और सशक्तिकरण को तीव्र बनाना है।

G20-CSAR एक नई पहल है जिसे G20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान शुरू किया गया था। G20-CSAR वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक प्रभावी संस्थागत व्यवस्था/मंच बनाने के उद्देश्य से G20 राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों को एक साथ लाएगा, जो बाद में एक प्रभावी और सुसंगत वैश्विक विज्ञान सलाह तंत्र के रूप में विकसित हो सकता है। इसके अलावा, G20-CSAR का उद्देश्य वैश्विक एस एंड टी पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा सामना किए जाने वाले कुछ मुद्दों के समाधान के साथ आना है। भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान सीएसएआर के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में "एक स्वास्थ्य" और वैश्विक भलाई के लिए साझा वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे की सुविधा और उभरती और भविष्य की प्रौद्योगिकियों और विकसित मानकों में सहयोग शामिल है। G20-CSAR की पहली बैठक 28-30 मार्च 2023 तक उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित रामनगर में आयोजित की जाएगी।

 

"सभी को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से कृषि में बदलाव लाना, भोजन की बर्बादी और नुकसान को कम करना, किसानों तक डिजिटल और सटीक प्रौद्योगिकी और डेटा तक पहुंच को बढ़ावा देना, सीमा पार कीटों और बीमारियों से निपटना, कृषि अनुसंधान और नवाचारों में निवेश को प्रोत्साहित करना। जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में जैव विविधता और स्थानीय खाद्य प्रणालियों की रक्षा करते हुए कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला में विविधीकरण अनिवार्य रूप से आवश्यक है। चुनौतियाँ पहले से कहीं अधिक विकट हैं। ऐसी विकट चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभिनव और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इसलिए, 2011 में जी20 सदस्य देशों ने कृषि अनुसंधान और नवाचार रणनीतियों के साथ-साथ नए सहयोग प्रारूपों के तहत पहलों के कार्यान्वयन के माध्यम से लोगों और ग्रह को प्रभावित करने वाली कृषि में विविध वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने का निर्णय लिया।"

 

सम्मेलन

"एनएफटी, एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा" पर G20 सम्मेलन

G20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान "NFTs, AI और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा" पर G20 सम्मेलन का आयोजन गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 13-14 जुलाई 2023 को गुरुग्राम, हरियाणा में किया जा रहा है। सम्मेलन नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के अपराध और सुरक्षा निहितार्थ के बारे में विचार-विमर्श और चर्चा के लिए दुनिया भर के प्रौद्योगिकी नेताओं और विषय वस्तु विशेषज्ञों के अलावा G20 देशों, आमंत्रित / अतिथि देशों, अंतर्राष्ट्रीय निकायों और संस्थानों को एक साथ लाएगा।

G20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान "NFTs, AI और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा" पर G20 सम्मेलन का आयोजन गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 13-14 जुलाई 2023 को गुरुग्राम, हरियाणा में किया जा रहा है। सम्मेलन नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के अपराध और सुरक्षा निहितार्थ के बारे में विचार-विमर्श और चर्चा के लिए दुनिया भर के प्रौद्योगिकी नेताओं और विषय वस्तु विशेषज्ञों के अलावा G20 देशों, आमंत्रित / अतिथि देशों, अंतर्राष्ट्रीय निकायों और संस्थानों को एक साथ लाएगा।